यह कैसी आजादी है जब देश के पहले प्रधानमंत्री के नाम से बने विश्वविद्यालय में,
देश विरोधी नारे लगते हैं
यह कैसी आजादी है जब देश का सैनिक देश की रक्षा के लिए शहीद हो जाता है और
आसपास से देश विरोधी गाने बजते हैं
यह कैसी आजादी है जहां आरक्षण के नाम पर
लूटपाट, दंगा, आगजनी और राष्ट्र विरोधी कारनामे होते हैं
उस देश की संसद में बहस नहीं, एक दूसरे पर नारे लगते हैं